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January 2019

डाॅ जगदीश गाँधी ने 4 नवम्बर, 2018 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक पत्र (अंग्रेजी में) भेजकर विश्व के सभी सम्प्रभुता सम्पन्न (SOVEREIGN) देशों के राष्ट्राध्यक्षों की वर्ष 2019 में एक मीटिंग बुलाकर ‘विश्व संसद’ का गठन करने के लिए कहा है। डाॅ गांधी के इस पत्र के उत्तर में व्हाइट हाउस ने लिखा है कि वे इस पत्र पर विचार करेंगे

President, Donald Trump

राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प

राष्ट्रपति, संयुक्त राज्य अमेरिका
व्हाइट हाउस
वाशिंगटन डी.सी. 20500 यू.एस.ए.

1- हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि आप विश्व को एक करने (To Unite the world) के वायदे को पूरा करें अन्यथा हम सभी लोग परमाणु युद्ध में मारे जायेंगे, जिसका समय अब बहुत दूर नहीं है।

2- हिरोशिमा व नागासाकी के ऊपर बमबारी होने के सात दशक बीतने के बाद वर्तमान में बढ़ते हुए अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग, नरसंहार के लिए अत्यन्त घातक हथियारों के जमावड़ों के कारण तृतीय विश्व युद्ध का व परमाणु विस्फोट का भय और बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण विश्व के 7.5 अरब लोगों, जिसमें 2.5 अरब बच्चे शामिल हैं, उनका व आगे जन्म लेने वाली पीढ़ियों का भविष्य दिन प्रतिदिन असुरक्षित (insecure & unprotected) होता जा रहा है।

3- अब, हम सभी के लिए ‘करो या मरो’ (Do or Die) वाली स्थिति हो गयी है।

Dr Jagdish Gandhi
माननीय राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प जी,

आपको सकारात्मक कार्यों के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई! केवल कोई दूरदर्शी (Farsighted) वर्ल्ड लीडर ही केवल ऐसा कह सकता हैं जो आपने निम्न तारीखों में कहा है:-

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जी के द्वारा दिये गये ऐतिहासिक वक्तव्य:

1. 15 दिसम्बर 2015 को राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अमेरिका की जनता से आपने लास वेगास (Las Vegas, USA) में कहा था-
‘‘मेरा सोचना हैं कि मैं विश्व में एकता लाऊँगा। मैं विश्व शान्ति लाऊँगा एवं मैं विश्व एकता लाऊँगा’’।

2. 22 मई 2017 को इजराइल के दौरे के दौरान तेल अवीव (Tel Aviv) हवाई अड्डे पर आपने कहा था- ‘‘अब हम लोगों को एक साथ मिलकर कार्य करना है तथा ऐसे भविष्य का निर्माण करना है जिसमें सभी देश व क्षेत्र शान्तिपूर्वक रह सकें, और हमारे सभी बच्चे विकसित हों सकें और दृढ़ता के साथ आगे बढे व आतंकवाद और हिंसा से मुक्त रहे ।’’

3. 24 मई 2017 को वेटिकन में संत पुरूष पोप (His Holiness Pope) से आपने कहा था-
‘‘मैं विश्व में शान्ति लाने के लिए और भी अधिक दृढ़ता से कार्य करूँगा।’’

4. 19 सितम्बर 2017 को आपने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र (UNO) आम सभा में कहा था-
‘‘सभी लेागों के लिए एक बेहतर जीवन यापन करने के लिए हम सबको मिलकर अच्छे वातावरण व एकता के साथ काम करना चाहिए, जिससे कि विश्व के सभी लोगों के लिए और भी सुरक्षित व शान्ति पूर्ण भविष्य का निर्माण हो सके।’’

5. 26 जनवरी 2018 को आपने वल्र्ड एकोनामिक फोरम, डेवोस, (Davos) स्विटजरलैण्ड में कहा था-
‘‘जब स्वतंत्र एवं संप्रभुता सम्पन्न देश (Sovereign Nations) विश्व एकता एवं विश्व शान्ति के उद्देश्य को लेकर कार्य करेंगे तभी वह और अधिक सुढृढ़ होंगे। और उनके विश्व एकता एवं विश्व शान्ति के सपने आपसी सहयोग से पूर्ण होंगे।’’

6. 12 जून 2018 को आपने ऐतिहासिक सिंगापुर समिट में कहा था-
‘‘युद्ध तो कोई भी कर सकता है, किन्तु सबसे साहसी व्यक्ति ही शान्ति का वातावरण ला सकता है, और मैं यह करके दिखाऊंगा। विश्व सुरक्षित हो, चाहे इसके लिए कोई भी कार्य करना पड़े।’’ ‘‘जो भूतकाल में हुआ है यह जरूरी नहीं कि वह भविष्य में भी हो ...... दुश्मन भी दोस्त बन सकते हैं।’’

7. 24 अक्टूबर 2018 को आपने मोसिनी, विसकान्सिन, (Mosinee, Wisconsin, USA) अमेरिका में कहा था-
‘‘हम चाहते हैं कि विश्व में सभी शान्ति और अच्छे वातावरण में एक साथ मिलकर रहें। हम ये कर सकते हैं, हम ये कर सकते हैं, हम ये कर सकते हैं... और यह हो के ही रहेगा।’’

हमें आप पर गर्व है कि आप विश्व के महानतम् लीडर्स में से एक हैं क्योंकि आपने धरती को एक करने (To Unite The World) व सुन्दर व रहने योग्य बनाने का वायदा किया है।

सबसे महत्वपूर्ण

विश्व में एकता और शान्ति लाने का सबसे आसान उपाय यह है कि यूरोपीय महाद्वीप के 28 सम्प्रभुसत्ता सम्पन्न देशों(Sovereign Countries) की यूरोपियन पार्लियामेन्ट (European Parliament) की तरह ही संसार के सम्प्रभुसत्ता सम्पन्न देशों (Sovereign Countries) की एक मीटिंग अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा बुलाई जाये और उसमें विश्व संसद (World Parliament) का गठन किया जाये।

विश्व के महान विचारकों के वक्तव्य-विश्व के कुछ महान नेताओं ने कहा हैः

1. महात्मा गाँधी ने कहा: ‘‘विश्व के भविष्य एवं विश्व में शान्ति और सुरक्षा व निरन्तर उन्नति के लिए एक स्वतंत्र देशों (Sovereign Countries) का एक वल्र्ड फेडरेशन बनाना आवश्यक है। और इसके अतिरिक्त आधुनिक विश्व की समस्याओं को सुलझाने का कोई और उपाय नहीं है।’’

2. ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल ने कहा: ‘‘यदि हमने विश्व सरकार स्थापित नहीं की तो हम तृतीय विश्व युद्ध को रोकना असम्भव होगा।’’

3. अमेरिका के राष्ट्रपति जाॅन एफ कैनेडी ने कहा: ‘‘जिस प्रकार हम विश्व व्यापी यु( व हथियारों को अवैध ठहराते हैं, उसी प्रकार हमें विश्व व्यापी कानून व विश्व कानून को बनाने व उसे लागू करने की एक संस्था (World Parliament) बनानी होगी’’

4. अमेरिका के पे्रसीडेन्ट ड्वाइट् डी. आइजन हावर ने कहा: ‘‘सभी देशों के द्वारा पारित व सम्मानित एक कानून होना चाहिए। क्योंकि बिना विश्व कानून के विश्व में केवल उतना ही न्याय होगा जितना कि किसी ताकतवर की कमजोर के ऊपर दया की होती हो।’’

5. रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्वाचोव ने कहा: ‘‘किसी प्रकार की विश्व सरकार की आवश्यकता के बारे में जागरूकता जड़ पकड़ रही है, ऐसी जिसमें कि विश्व समुदाय के सभी सदस्य हिस्सा ले सकें।’’

6. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने कहा: ‘‘या तो विश्व एक हो जायेगा या नष्ट हो जायेगा।’’

माननीय राष्ट्रपति ट्रम्प महोदय,

इन सभी विश्व के नेताओं ने पिछले दिनों में ;विश्व एकता की जरूरत हैद्ध ऐसा कहा है और यह कि मानवता को सम्पूर्ण विध्वंस से बचाने का यही एक रास्ता है। किन्तु केवल आप ने विश्व को एक करने का (World Unity) और धरती पर विश्व शान्ति (World Peace) स्थापित करने का वायदा किया है। आप ने यह वायदा निम्न से किया है:

  1. संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के नागरिकों व आपके निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं (Voters) से
  2. महासंत पोप से वैटिकन में
  3. विश्व के सम्पूर्ण नागरिकों से विभिन्नि अवसरों पर

माननीय राष्ट्रपति ट्रम्प महोदय, जहाँ एक ओर विश्व के सर्वोच्च नेताओं ने विश्व में एकता और विश्व शान्ति स्थापना (World Unity and World Peace) की आवश्यकता के बारे में बताया है। वहीं दूसरी ओर आप मानवता के इतिहास में विश्व के ऐसे पहले नेता हैं जिन्होंने विश्व एकता और विश्व शान्ति लाने का वचन दिया है, और कहा है कि ‘‘मैं विश्व में एकता (World Unity) लाकर रहूँगा’’।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तरी कोरिया के लीडर किम जोंग से दोस्ती करके एक नया विश्व इतिहास रच दिया है।

माननीय राष्ट्रपति ट्रम्प महोदय, विश्व के सबसे शक्तिशाली देश संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के लीडर होने के नाते आपने बिना किसी शर्त के अपने अन्दर के प्रेम से पिछली बातों को पीछे छोड़ते हुए पूरे विश्व के लोगों के कल्याण के लिए आगे बढ़ने की सर्वाधिक क्षमता दिखाई है। आपने अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के शब्दों को साकार किया है जिन्होंने एक बार कहा था कि ‘‘किसी दुश्मन को नष्ट करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है कि उसको अपना दोस्त बना लो।’’

एक दुश्मन देश को गले लगाना बहुत साहस और दृढ़ इच्छा शक्ति का कार्य है और यह घोषित करना कि आप उसके लीडर के साथ ‘‘एक विशेष सम्बन्ध रखते हैं’’। 12 जून 2018 को हुए इस ऐतिहासिक सिंगापुर समिट में आपने उत्तरी कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष किम जोंग-उन से हाथ मिलाकर दुश्मनी को दोस्ती में बदल दिया।

यह मानवता के इतिहास में एक बहुत ही दुर्लभ कार्य था, जो पहले कभी ना तो देखा और ना ही सुना गया था। आपने ऐसा अकल्पनीय और साहसिक कार्य किया है। आपने सदियों से चली आ रही कट्टर दुश्मनी वाले देश को क्षमा करते हुए उसको गले से लगा लिया और विश्व को विश्व युद्ध की विभीषका से बचा लिया।

टाइम मैगजीन के एक प्रश्न के उत्तर में आपने व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहाः ‘‘युद्ध तो कोई भी कर सकता है, किन्तु शान्ति की स्थापना केवल साहसिक व्यक्ति ही कर सकता है। एवं मैं विश्व को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करूँगा’’। राष्ट्रपति ट्रम्प आपने सही कहा है कि ‘‘भूत के आधार पर, भविष्य निर्धारित करना जरूरी नहीं है... दुश्मन भी दोस्त बन सकते हैं’’।

आपके द्वारा उत्तरी कोरिया को परमाणु निरस्तीकरण की तरफ ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है जो कि इतिहास में पहले कभी भी किसी ने सोचा नहीं था।

अब समय आ गया है कि आप अपने तीन पूर्ववर्ती (Previous) महान अमरीकी राष्ट्रपतियों से मिली हुई महान विरासत को सच करें। आपके पूर्ववर्ती तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने अपनी निर्णायक क्षमता का प्रयोग करते हुए विश्व में शान्ति की स्थापना की है।

  1. अमरीकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन(Woodrow Wilson) ने 1919 में लीग आॅफ नेशन (League of Nations) का गठन किया। उन्होंने विश्व एकता और विश्व शान्ति के सपने को हम सभी का लक्ष्य बनाते हुए 42 संप्रभुता सम्पन्न (Sovereign) देशों का संगठन बनाया और प्रथम विश्व युद्ध का अन्त किया। हालांकि विश्व के केवल एक चैथाई देशों ने ही इस सम्मेलन में उपस्थित हुए, फिर भी लीग आॅफ नेशन्स ने प्रथम विश्व युद्ध के विध्वंस से सारे संसार को बचा लिया। अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट (Franklin D. Roosevelt) ने संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) का गठन किया। जिसमें प्रारम्भ में विश्व के केवल 51 संप्रभुता सम्पन्न (Sovereign) देश ही शामिल हुऐ और जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अन्त हुआ। और पुनः विश्व एकता व विश्व शांति की स्थापित हुई। हालांकि इस विश्वस्तरीय राजनेताओं के सम्मेलन में विश्व के केवल लगभग एक चैथाई 51 देशों ने हिस्सा लिया, फिर भी संयुक्त राष्ट्र के गठन की पहल से द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका का अन्त हुआ। और मानवता की रक्षा हो सकी। आज 193 देश इसके सदस्य हैं और पिछले 73 वर्षों से कोई भी तृतीय विश्व युद्ध नहीं हुआ है।
  2. अमरीकी राष्ट्रपति हैरी टूमैन (Harry Truman) ने यूरोपियन यूनियन (European Union) को गठित करने का कार्य किया। उन्होंने यूरोप का पुनःर्निर्माण करने के लिए 13 अरब यू.एस डालर का दान दिया और 1948 में मार्शल प्लान को लागू किया जिससे कारण यूरोपियन संसद का गठन हो सका। जिसमें प्रारम्भ में 6 सम्प्रभूता सम्पन्न यूरोपीय देशों का सहयोग था जिसमें बढ़कर 28 सम्प्रभुता सम्पन्न (Sovereign) यूरोपीय देश शामिल हो गये। जिसकी वजह से यूरोपीय देशों की एकता का सबका सपना और लक्ष्य पूरा हो सका। और किसी भी देश को अपनी संप्रभुता (Sovereignity) नहीं देनी पड़ी। इसके गठन से यूरोपीय देशांे के बीच में जो दुश्मनी थी वह समाप्त हो गयी। यूरोपीय देशों में एकता और शांति की स्थापना हो गयी। यूरोपियन यूनियन के गठन से आजतक पिछले 70 वर्षों में कोई भी यूरोपीय देशों में युद्ध नहीं हुआ है।
  3. माननीय राष्ट्रपति ट्रम्प महोदय, ऊपर दिये गये दूरदर्शी आपके पूर्ववर्ती तीन अमरीकी राष्ट्रपतियों की तरह ही आपको भी विश्व के सभी संप्रभुता सम्पन्न (Sovereign) देशों की तुरन्त एक मीटिंग आयोजित करनी चाहिए। ;चाहे शुरू में केवल कुछ ही देश इसमें उपस्थित हांेद्ध जिससे वे आपस में विचार विमर्श, सलाह मशविरा व सहयोग करके एक विश्व संसद (World Parliament) का गठन कर सकें। जिससे हमारे विश्व में विश्व एकता और विश्व शान्ति का सपना साकार हो सके। ऐसी नई प्रजातांत्रिक प्रणाली में, प्रत्येक राष्ट्र की संप्रभुता (Sovereignty) भी बनी रहेगी और विश्व एकता और विश्व शान्ति का सपना भी साकार हो जायेगा।

हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है:

हालांकि कोई एक देश या एक शैतान देश किसी भी अकेले देश को चुनौती दे सकता है और धमका भी सकता है। किन्तु कोई एक अकेला देश अनेक देशों के संगठन को एक साथ ललकार नहीं सकता। उदाहरण के रूप मेंः-

  1. एक बार जब 42 संप्रभु देशों ने मिलकर ‘लीग आॅफ नेशन्स’ का गठन कर लिया तो किसी भी एक देश की हिम्मत नहीं हुई उसकी अधिकारिता (Authority) को चुनौती दे सके।
  2. फिर जब संयुक्त राष्ट्र संघ बना जिसमें 51 संप्रभुता सम्पन्न देश शामिल हुए, तब किसी भी एक देश की हिम्मत नहीं हुई चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो कि उसको चुनौती दे सके।
  3. और यदि थोड़े से ही एक समान सोचने वाले संप्रभुता सम्पन्न देश (Sovereign Countries) मिलकर एक साथ आ जायें जिनका एक ही लक्ष्य हो और जिनका सपना विश्व एकता व विश्व शान्ति हो, जिसके द्वारा विश्व संसद का गठन हो सके, तब कोई भी अकेला देश या शैतान देश इस विश्व संसद (World Parliament) को चुनौती देने या इसके खिलाफ जाने का साहस नहीं कर सकता है।

माननीय राष्ट्रपति ट्रम्प महोदय

आपसे हमारी यह प्रार्थना है कि आप विश्व की पार्लियामेन्ट(World Parliament) बनाने की पहल करें जिससे कि संसार की एक विश्व संसद बन जाये जैसी की यूरोपीयन संसद (European Parliament) बनी है। जिससे कि मानवता को तृतीय विश्व युद्ध व परमाणु युद्ध की विभीषिका से बचाया जा सके और विश्व में विश्व एकता एवं विश्व शान्ति की स्थापना हो सके।

माननीय राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प

यदि आज तृतीय विश्व युद्ध शुरू होता है तो पूरी मानवजाति समाप्त हो जायेगी। क्योंकि तृतीय विश्व युद्ध पुराने युद्धो की तरह (Conventional War) नहीं होगा। जैसे कि (1) प्रथम विश्व युद्ध (2) द्वितीय विश्व यु( या (3) यूरोपीय युद्ध या (3) क्षेत्रीय (Territorial Wars) युद्ध हुये हैं। परन्तु यह एक परमाणु युद्ध (Nuclear War) होगा और इस परमाणु युद्ध (Nuclear War) के बाद विश्व का कोई भी व्यक्ति नहीं बचेगा और उस स्थिति में विश्व संसद (World Parliament) बनाने की कोई भी आवश्यकता नहीं रह जायेगी।

अब्दुल बहा ने अपने पिता बहाउल्ला (जो कि इस युग के भगवान के अवतार माने जाते हैं और जिन्हांेने 200 वर्ष पूर्व बहाई धर्म की स्थापना की) की शिक्षाओं को पिता की ओर से अमेरिका के बारे में और उसके योगदान के विषय में कहा थाः

यह अमरीकी प्रजातन्त्र प्रथम देश होगा जो अन्तर्राष्ट्रीय समझौते की नींव रखेगा। ‘‘यह पहला देश होगा जो मानवता की एकता की घोषणा करेगा। यह पहला देश होगा जो सबसे बड़ी शान्ति का झण्डा फहरायेगा।’’

और फिर, ‘‘अमरीकी लोग वास्तव में योग्य हैं और वे इस बड़ी शान्ति की इमारत का निर्माण करें और मानव मात्र की एकता का एलान करें: क्योंकि अमेरिका ने अपने अन्दर ऐसी क्षमतायें और शक्ति विकसित कर ली हैं जो अन्य देशों से अधिक महान है... अमेरीका देश सशक्त है और शक्तिशाली है कि वह बड़ी बड़ी उपलब्धियाँ प्राप्त कर सकता है जिससे उसका नाम इतिहास के पन्नों पर लिखा जाये और वह विश्व का प्रेरणा स्रोत बनेगा और अपने लोगांे की जीत के लिए पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में उसकी ख्याति फैलेगी। ... अमरीकी महाद्वीप इस बड़ी उन्नति के लिए चिन्ह और प्रमाण प्रकट करता है। उसका भविष्य और भी उज्जवल है, क्योंकि उसका प्रभाव और प्रकाश दूर-दूर तक फैल रहा है। वह सभी देशों का आध्यात्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनका नेतृत्व करेगा।

अब्दुल बहा ने कहा है कि सच्ची सभ्यता विश्व के दिलों में अपनी छाप छोड़ेगी। जब कुछ उच्च सोच वाले प्रबु( विश्व के महान शासक - दृढ़ निश्चय और श्रद्धा के चमकते उदाहरण - सारी मानवजाति के कन्याण और प्रसन्नता के लिए, उठेंगे और विश्व व्यापी शान्ति स्थापित करने का दृढ निश्चय और स्पष्ट दृष्टिकोण होगा। वे इस शान्ति के लिए सबसे सलाह करेंगे, और विश्व के सारे देशों की एकता को स्थापित करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा देंगे।

उनको एक जोड़ने वाला समझौता करना होगा, उनको एक संगठन बनाना होगा जिसके प्रावधान स्थायी, ठोस और अटल होंगे। उनको सारे विश्व में घोषित करना होगा और इसमें पूरी मानवजाति का समर्थन होगा। यह उच्चतम और महान कार्य - जिससे विश्व में शान्ति और पूरे विश्व का कल्याण होगा - धरती के सभी निवासियों द्वारा एक पवित्र कार्य माना जाना चाहिए।

इस महान संगठन की स्थापना और इसको स्थायित्व देने के लिए मानवता की सभी शक्तियों को गतिमान कर देना चाहिए। इस सम्पूर्ण मानवजाति को एक करने के कार्य में प्रत्येक देश की सीमा स्पष्ट रूप से निर्धारित होनी चाहिए, सभी सरकारों के सम्बन्धों के सिद्धांत स्पष्ट होने चाहिए, व सभी अन्तर्राष्ट्रीय समझौते और उत्तरदायित्व सुनिश्चित किये जाने चाहिए।’’

अमरीका के राष्ट्रपति हैरी टूमैन ने कहा था: ‘‘लोग इतिहास बनाते हैं ना कि इतिहास लोगों को बनाता है। उस दौरान जब कोई नेतृत्व ना हो, तब समाज ठहर जाता है। विकास तब होता है जब कोई साहसी और निपुण नेता, अवसरों को अपने मुटुठी में लेते हैं और परिस्थितियों को बेहतरी के लिए बदलते हैं।’’

आज विश्व में अन्र्तनिर्भता तेजी से बढ़ी है। आज, कोई भी देश, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो, अकेले नहीं जी सकता है। अब वह समय आ गया है कि विश्व का एक नेता आगे बढकर आये और सारे देशों को एकता के सूत्र में बांध कर आगे ले जाये । हम यह मानते है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक ऐसे नेता हैं जो यह पहल करके सारे विश्व के नेताआंे की एक मीटिंग बुला सकते हैं और एक विश्व संसद की स्थापना कर सकते हैं।

बहाई धर्म के संस्थापक बहाउल्ला के बेटे अब्दुल बहा ने कहा था: ‘‘हम केवल अपने ही कार्यों में या केवल अपने देश हित के कार्यों में ही व्यस्त न रहें। वरन हमें ऐसे कार्य भी करने चाहिये जिनसे सम्पूर्ण मानवता के भविष्य को बचाया जा सके।’’

आदरणीय राष्ट्रपति ट्रम्प!

आप विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के महान नेता एवं राष्ट्रपति हैं। आप ही 2019 में विश्व संसद का गठन कर सकते हैं। यदि आप इस विषय पर हमसे और अधिक सलाह-मशवरा करना चाहते हैं तो हम अमेरिका आ सकते हैं।

विश्व के 2.5 अरब बच्चों और आने वाली पीढियों की ओर से व विश्व की पूरी मानवजाति की ओर से हम आप की तरफ देखते हुए आपसे कह रहे हैं कि आप शीघ्रातिशीघ्र 2019 मंे ही सभी संप्रभुसत्ता सम्पन्न (Sovereign) देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मीटिंग बुलायें और विश्व संसद (World Parliament) का गठन करें जिससे कि विश्व एकता एवं विश्व शान्ति की स्थापना हो सके।

ईश्वर आपको सदा सुखी रखे।

भवदीय




(डाॅ जगदीश गाँधी)

संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ, भारत एवं संयोजक, अन्तर्राष्ट्रीय विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन और विश्व के 2.5 अरब बच्चों व आगे आने वाली पीढ़ियों के स्वयं-नियुक्त अभिभावक (Self-appointed guardian)